👆 "युद्ध नहीं -बुद्ध चाहिए" — शेयर करें
सम्राट अशोक द्वारा सबसे बड़े युद्ध की तैयारी थी •••••••••••••••SABM•••••••••••••••••••••
||| 563 ||| Namo Buddhaya |||
👆 सम्राट अशोक महान द्वारा "युद्ध नहीं -बुद्ध चाहिए" पथ पर चलना सबसे बड़े युद्ध की तैयारी थी |
लेकिन क्या किया जाय, आज के लोग समझे नहीं, जो समझे वो लोगों को सच्चाई नहीं बताये, गलत इतिहास लिखकर लोगों को गुमराह किये और आज भी कर रहे हैं |
👆 ऐतिहासिक तथ्य यह है कि राजा बिम्बिसार के कुछ एक सैनिकों को बुद्ध के शिष्यों ने उपसम्पदा देकर भिक्षु संघ में सम्मिलित कर लिया था | जब बिम्बिसार ने बुद्ध के सामने यह शिकायत रखी तब बुद्ध ने कठोर नियम बनाया कि सेना के किसी भी व्यक्ति को भिक्षु न बनाया जाय | जो बनाये, वह दुष्कर्म करने का दोषी होगा | तब से लेकर आज तक लगभग 2600 वर्ष बीत जाने पर भी भिक्षु संघ इस नियम का कड़ाई से पालन करता चला आ रहा है | आज भी बरमा में या अन्य बुद्धनुयायी देशों में सेना के किसी सैनिक या सेनानायक को भिक्षु नही बनाया जाता |
👆 "भगवान बुद्ध के अनुसार धार्मिक से धार्मिक राजा के हाथ में भी तलवार होना अत्यंत आवश्यक है | भगवान के अनुसार जो "पाँच राजचिह्न" किसी भी राजा के साथ सदैव रहते हैं, उनमें तलवार भी एक है | राजधर्म निभाने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है |"
_____________ स्रोत : जातक 5. 19. 69, सक्ङिच्च जातक
👆 यह तलवार किसी राज्य को अपनी स्वार्थ के लिए जीतने या किसी निरपराध की हत्या करने के लिए नहीं है, बल्कि किसी आतयायी के आक्रमण से प्रजा को बचाने के लिए है | सेना नही होगी और शस्त्र नहीं होगे, तो देश की बाहरी और भीतरी सुरक्षा कैसे होगी ?
👆 यही धम्म तलवार सम्राट अशोक महान के पास थी, जिसके माध्यम से उन्होंने विश्व विजय किया और विश्व इतिहास में चक्रवर्ती सम्राट, महान और विश्वविजेता कहे गये | धम्म तलवार की उपस्थिति में कोई भी आक्रमणकारी एक इंच भूमि नहीं ले सका और न हीं चक्रवर्ती अशोक के जम्बूद्वीप पर आँख उठाकर देखने की हिम्मत हुई |
👆 "युद्ध नहीं बुद्ध चाहिए" के पथ पर चलते हुए...
आओ हम भी चलें "विश्वपटल" की ओर...
@ C. P Trisaran
SABM -INDIA