*मौर्य साम्राज्य—महत्वपूर्ण तथ्य*
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मौर्य साम्राज्य के पतन के लिए कुछ विद्वानों व इतिहासकारों ने *सम्राट अशोक की अहिंसा की नीति* को मुख्य रूप से उत्तरदायी बताया है |
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मौर्य साम्राज्य के पतन के लिए कुछ विद्वानों व इतिहासकारों ने *सम्राट अशोक की अहिंसा की नीति* को मुख्य रूप से उत्तरदायी बताया है |
पर प्रश्न यह है कि मौर्य साम्राज्य का पतन सम्राट अशोक के अहिंसा की नीति के कारण होना होता तो साम्राज्य का पतन सम्राट अशोक के समय ही या उनके बाद दो या तीन पीढ़ियों के राज्य करने के बाद हो जाता, पर ऐसा नहीं हुआ —उनके बाद सात पीढ़ियों तक चला |
बेशक सम्राट अशोक महान ने कलिंग के युद्ध -विजय के परिणाम को देखकर युद्ध के माध्यम से प्रदेशों या प्रांतों को न जीतने का संकल्प लिया होगा | अर्थात भगवान बुद्ध की शिक्षा : "पाणातिपाता वेरमणी सिक्खापदं समादियामि अर्थात अकारण प्राणी हिंसा से विरत" रहने की शिक्षा को अंगीकार किये होगे | *अन्य धर्मो की शिक्षा - हिंसा न करना और भगवान बुद्ध की शिक्षा अकारण हिंसा से विरत रहना में जमीन आसमान का फर्क है |*
*इसी भगवान बुद्ध की शिक्षा के तहत सम्राट अशोक महान ने सर्वप्रथम विश्व को जीओ और जीने दो (Live and Let Others Live), राजनीतिक हिंसा धर्म विरूद्ध है (Political Violence is against Dhamma) का पाठ पढ़ाया |*
सम्राट अशोक ने अपने साम्राज्य या प्रांतों की रक्षा के लिए युद्ध -विजय को नहीं त्यागा था | तेरहवाँ शिलालेख इसका स्पष्ट प्रमाण प्रस्तुत करता है |
तेरहवें शिलालेख में सम्राट अशोक महान सीमांत प्रदेशों के लोगों तथा जंगली जन -जातियों को स्पष्ट चेतावनी देते हैं कि —
*"जो गलती किये हैं, सम्राट उन्हें क्षमा करने का इच्छुक है, परन्तु जो केवल क्षम्य है वही क्षमा किया जा सकता है |"*
सीमांत प्रदेश के लोगों व जंगली जनजाति के लोगों को अपनी सैनिक शक्ति की याद दिलाते हुए वह कहते हैं —
*"यदि वे अपराध नहीं छोड़ेगे तो मार दिये जायेगे |*
*"यदि वे अपराध नहीं छोड़ेगे तो मार दिये जायेगे |*
इस बात का भी कोई प्रमाण नहीं है कि सम्राट अशोक ने *बुद्ध धम्म* अपनाने के बाद सैनिकों की संख्या कम कर दिए हों अथवा सेना को धर्म प्रचार में लगा दिये हों | यदि वह ऐसा करते तो इसका उल्लेख गर्व के साथ अपने धम्म अभिलेखों में जरूर करते |
*अत: "सम्राट अशोक महान : मौर्य साम्राज्य के पतन के कारण थे" —इस मत का खंडन करते हुए यह स्पष्ट सिद्ध हो जाता है कि उस समय सैनिक यथावत विद्यमान थी, बाहरी सीमाएँ पूर्णतया सुरक्षित थी और देश के भीतर भी शांति एवं उच्च कोटि की व्यवस्था विद्यमान थी | इसलिए राष्ट्रनायक सम्राट अशोक महान को मौर्य साम्राज्य के पतन का कारण बताना पूर्णतया 100 % गलत है |*
*धम्म विजय* का मतलब प्रांत या प्रदेशों को जीतने के लिए युद्ध को त्यागकर प्रेम, दया, मृदुता, एवं उदारता इत्यादि से जीतना | जब कोई भी काम प्यार से हो जाए तो युद्ध की क्या जरूरत है | इसका परिणाम भी उन्हें अच्छा मिला और वे भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व इतिहास में *"सम्राट अशोक महान (Ashoka the Great)"* के नाम से जाने गये |
*सम्राट अशोक महान के धम्म विजय के क्षेत्र —*
मिस्र, मेसिडोनिया, एरियस, पश्चिमी एशिया, फारस, सीरिया, चेर, पाण्ड्य, चोल, लंका (श्रीलंका), चीन, सूवर्णभूमि, हिमवन्त प्रदेश प्रमुख हैं |
मिस्र, मेसिडोनिया, एरियस, पश्चिमी एशिया, फारस, सीरिया, चेर, पाण्ड्य, चोल, लंका (श्रीलंका), चीन, सूवर्णभूमि, हिमवन्त प्रदेश प्रमुख हैं |
*||| नमो बुद्धाय |||*
*चलो बुद्ध धम्म की ओर*
*चलो संविधान की ओर*
*जय सिर मौर्य प्रबुद्ध भारत*
मेरी राय में यह सबाल अहिंसा को लेकर है ? मौर्य साम्राज्य का पतन का कारण केवल "चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान " द्वारा अहिंसा नीति का पालन किया जाना ही नहीं था इतिहास गवाह है कि अशोक के बाद जितने भी इनके वंशज सम्राट हुए वे इनके समान कुशल शासक नहीं रहे ? पतन के विभिन्न कारक :--> 1- अयोग्य एवं निर्बल उत्तराधिकारी 2 - प्रशासन का अत्यधिक केन्द्रीयकरण 3 - राष्ट्रीय चेतना का अभाव 4 -आर्थिकएवंसांस्कृतिक असमानताएँ 5 -प्रान्तीय शासकों के अत्याचार 6 -करों की अधिकता। इसके अतिरिक्त मूल कारण जो था ,जनता का विश्वास खो देना था ! लोकतंत्र से लेकर तानाशाही शासन तक विभिन्न तरह की शासन व्यवस्थाओं के शासकों के शासन का पतन का मूल कारण जनता ही रही है ,जनता के विश्वास के कारण जो भी रहें ,इसके अतिरिक्त अन्य उपरोक्त कारण हो सकते हैं ! लेकिन केवल यह कहना कि अशोक की अहिंसा नीति के कारण ही मौर्य साम्राज्य का पतन हुआ ,अतिशयोक्ति होगी ! आज सर्जीकल स्ट्राइक का परिणाम देखो ,,पहले के मुकाबले वर्तमान में भारत की केंद्रीय सरकार में जनता का विश्वास बड़ा है !
ReplyDeleteअशोक की मृत्यु के बाद मौर्य साम्राज्य पश्चिमी और पूर्वी भाग में बँट गया। पश्चिमी भाग पर कुणाल शासन करता था, जबकि पूर्वी भाग पर सम्प्रति का शासन था। लेकिन १८० ई. पू. तक पश्चिमी भाग पर बैक्ट्रिया यूनानी का पूर्ण अधिकार हो गया था। पूर्वी भाग पर दशरथ का राज्य था।शासन का क्षेत्रीय बँटबारा विघटन का मुख्यता कारण रहा !पुष्यमित्र शुंग सेना पति पर अधिक विश्वास करना उसकी गतिविधियों पर नियंत्रण न रख पाना ! परिणामत: सेनापति ने अपने शासक की हत्या कर शुंग बंश का साम्राज्य स्थापित कर लिया
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