Friday, June 9, 2017

बुद्धिस्ट पर्व ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व : शेयर करें

बुद्धिस्ट पर्व "ज्येष्ठ पूर्णिमा" का महत्व —
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दोस्तों ! आज बुद्धिस्टों के लिए महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि आज बुद्धिस्ट पर्व ज्येष्ठ पूर्णिमा है | आज के दिन क्या हुआ था, पढ़ें —
1) सुजाता की धम्मदीक्षा |
2) महाधम्मदायाद सम्राट अशोक महान के पुत्र महाथेर महिन्द (महेन्द्र) का श्रीलंका में आगमन (252 ईसा पूर्व) |
3) सम्राट अशोक महान द्वारा बुलायी गयी तीसरी धम्म संगीति का समापन |
4) महाधम्मदायाद महाथेर महिन्द (महेन्द्र) का परिनिर्वाण (203 ईसा पूर्व)
5) उत्कल (उड़ीसा) में तपस्सु व भल्लिक व्यापारियों की धम्मदीक्षा |
• बुद्ध धम्म में पूर्णिमाओं का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि हर पूर्णिमा को विश्वगुरू तथागत बुद्ध या उनके शिष्यों से संबंधित घटनाएँ जुड़ी हुई है | भरहुत, साँची, अमरावती और कई जगहों पर पाये गये शिल्पों में दर्शाया गया है कि उपासक स्त्री -पुरूष बुद्ध प्रतीकों का चुम्बन कर रहे हैं | इन्हीं प्रतीकों में से चैत्य को ही "बुद्ध" का रूप कहा गया है | चैत्यों में बुद्ध अवशेष होने पर उसे "स्तूप" कहा जाता है | इसलिए हर पूर्णिमा को बौद्ध उपासक व उपासिकाओं को अच्छे वस्त्र पहनकर परिवार के सभी लोगों के साथ अपने नजदीक के चैत्यों, स्तूपों, बुद्ध विहारों पर धम्म वन्दना के लिए जाना चाहिए |  उसका प्रेम पूर्वक वंदन करना, आदर्श पूर्वक हृदय से स्पर्श करना बौद्धों का परम कर्तव्य है |
• सभी देशवासियों को ज्येष्ठ पूर्णिमा की हार्दिक बधाईयाँ, धम्मकामनाएँ, मंगलकामनाएँ व नमो बुद्धाय...
||| नमो बुद्धाय |||
चलो बुद्ध धम्म की ओर
चलो संविधान की ओर
@ रावण सिंह शाक्य
SABM -INDIA

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