👆 देश की बाह्य सुरक्षा हेतु बुद्ध का उपदेश
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||| Namo Buddhaya |||
👆 अहिंसा के मामले में विश्वगुरु तथागत बुद्ध की शिक्षाओं को जो लोग दोष देतें हैं, उनके लिए विशेष.
👆 बुद्ध ने हिंसा की नहीं, अपितु अकारण हिंसा न करने की शिक्षाओं पर बल दिया था. लेकिन तथाकथित विद्वानों ने उसे गलत ढंग से आम जनमानस के सामने पेश किया. और साम्राज्यों के पतन के कारण के रूप में बुद्ध की इस शिक्षा को दोष दिया. जो कि पूर्ण रूप से मूर्खता के अलावा और कुछ नहीं.
👆 भगवान बुद्ध ने "एकतंत्रीय राजा" के लिए बाहरी आक्रमण से प्रजा को सुरक्षित रखने का जो महत्वपूर्ण उपदेश दिया था, प्रियदर्शी अशोक व अन्य राजाओं ने उसका पूर्ण रूप से पालन किया. जिसके कारण मौर्य साम्राज्य की बाह्य सीमाएँ व आंतरिक साम्राज्य पूर्णतया सुरक्षित था, विश्व इतिहास में "पियदसि असोक" को महान, चक्रवर्ती (सम्राटों के सम्राट) और विश्वविजेता कहा गया.
👆 बुद्ध द्वारा बताये गए देश की बाह्य सुरक्षा की सात आवश्यकताएँ —
_______________________________
बुद्ध ने अपने उपदेश में सुरक्षित सीमांत नगर (सरहद) की इस प्रकार व्याख्या की. सीमांत नगर (सरहदों) के बचाव के लिए सात आवश्यकताएँ बताई —
____________ अंगुत्तरनिकाय 2.7. 67, नगरोपमसुत्त
1) चतुरंगिणी सेना और जांबाज सैनिक (Commando)
2) इंदकील
3) चौड़ी और गहरी खाई
4) सपाट जमीन
5) आयुध भण्डार
6) शूरवीर द्वारपाल
7) किले की दिवारें
👆 इन सातों के बारे में व्याख्या अगले लेख में.
👆 इसके अतिरिक्त कभी शत्रु अधिक दिनों तक किले को चारों ओर से घेरे रखे, जिससे कि अस्त्र -शस्त्र व भोजन इत्यादि के अभाव में लोगों को घुटने टेकने पड़ जाये.
👆 ऐसी आंशका को ध्यान में रखकर बुद्ध ने चार प्रकार की आवश्यक वस्तुओं का संग्रह के लिए कहा —
1) पशुओं के लिए आहार जैसै घास इत्यादि.
2) मनुष्यों के लिए आहार जैसे धान, जौ तथा अन्य खाद्यान्न.
3) मूंग, उड़द, तिल आदि दालें व तिलहन.
4) घी, मक्खन, मधु, शक्कर, लवण तथा दवा -दारू के लिए अन्य सभी आवश्यक सामग्रियाँ.
____________ अंगुत्तरनिकाय 2.7. 67, नगरोपमसुत्त
👆 अब जरा सोचें, जिसने (बुद्ध) साम्राज्य की बाह्य सुरक्षा के लिए इतने सख्त नियम -कानून के बारे में राजाओं को उपदेश दिया हो, उसकी शिक्षा को तथाकथित विद्वानों द्वारा दोषी बताना कहा तक उचित व सही है. चक्रवर्ती अशोक व अन्य राजाओं ने इन नियमों को अपनाया था.
@ चित्रप्रभा त्रिसरण ©
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चलो धम्म की ओर
—चलो संविधान की ओर
SAMRAT ASHOKA BAUDDHA MAHASANGHA (SABM)
SABM is a government registered non -profit organization. It is established to aware people about their ancient Buddhist heritage, history and make Unity among people. Let the Tathagata Buddha's path. Contact :7398270563, 9044900563
Thursday, August 17, 2017
देश की बाह्य सुरक्षा हेतु विश्वगुरु बुद्ध का उपदेश @ चित्रप्रभा त्रिसरण
विश्वगुरु भगवान बुद्ध —एक सबसे बड़े पर्यावरणविद् @ शेयर करें
विश्वगुरू भगवान बुद्ध एक सबसे बड़े पर्यावरणविद्
Buddha : A greatest Environmentalists
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||| Namo Buddhaya |||
👆 विश्वगुरु भगवान बुद्ध एक ऐसे पर्यावरणविद् थे, जो शाक्य गणराज्य के राजा शुद्धोधन के घर का होते हुए भी उनके जीवन में घटने वाली महत्वपूर्ण घटनाएँ वृक्ष के नीचे ही घटित हुई —
1) जन्म : शाल वृक्ष के नीचे लुम्बिनी में हुआ.
2) सम्बोधि (ज्ञान प्राप्ति) : पीपल वृक्ष के नीचे बोधगया में हुआ.
3) महापरिनिर्वाण (मृत्यु) : शाल वृक्ष के नीचे कुशीनारा (कुशीनगर) में हुआ.
👆 सबसे बड़ी दिलचस्प बात यह है कि उनके जीवन की तीनों महत्वपूर्ण घटनाएँ जब घटित हुई, वह दिन था —"वैशाख पूर्णिमा", जो आज पूरे विश्व में बुद्ध पूर्णिमा के नाम से प्रसिद्ध है
👆 नोट : भगवान बुद्ध ने धर्मचक्र प्रवर्तन (प्रथम देशना) भी पाँच संन्यासियों को एक वृक्ष के नीचे आषाढ़ पूर्णिमा को इसिपतन (सारनाथ) में दिया था.
चलो धम्म की ओर...
—चलो संविधान की ओर...
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Monday, August 14, 2017
सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य जयन्ती "चन्द्रगुप्त -अष्टमी" 19 अप्रैल पर विशेष
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✅ अखण्ड भारत के निर्माता ✅
*1)* मौर्य साम्राज्य के संस्थापक ~ सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य
*2)* मौर्य वंश किस ऐतिहासिक वंश की शाखा है ~ शाक्य वंश
*3)* मौर्य शब्द किस शब्द से निकला है ~ मोरिय
*4)* मोरिय शब्द का अर्थ है ~ मोरों के प्रदेश का निवासी
*5)* मौर्य वंश किस कुल से संबंधित है ~ खत्तिय
*6)* सबसे प्राचीन बौद्ध ग्रंथ "महापरिनिब्बानसूत्त" में मौर्यों को पिप्पलिवन का शासक तथा खत्तिय कुल का कहा गया है |
*7)* जैन व बौद्ध दोनों ही साक्ष्य "मौर्यों" को "मयूर" अर्थात मोर से संबंधित करते हैं, जिसे इतिहासकारों व पुरातत्वविदों ने विश्वसनीय माना है | इसी कारण मौर्य युग की कलाकृतियों में मयुरों (मोरों) का प्रतिनिधित्व देखने को मिलती है | इस मत की पुष्टि सम्राट अशोक की "लौरियानन्दगढ़ के स्तम्भ" के नीचे के भाग में उत्कीर्ण मयूर की आकृति से भी हो जाती है |
*8)* सर्वप्रथम किसने बताया कि "मयूर" (मोर) मौर्यों का वंशीय चिह्न (Dynastic Emblem) है ~ ग्रुनवेडेल महोदय
*9)* चंद्रगुप्त की माता का नाम ~ धम्म मोरिया
*10)* चंद्रगुप्त मौर्य का जन्म ~ 345 ईसा पूर्व (widely accepted), वैशाख मास कृष्णपक्ष अष्टमी
*11)* मौर्य वंश की राजधानी थी ~ पाटलिपुत्र
*12)* सर्वप्रथम भारतीय साम्राज्य किसने स्थापित किया ~ चंद्रगुप्त मौर्य
*13)* चंद्रगुप्त मौर्य का प्रधानमंत्री था ~ चाणक्य / कौटिल्य / विष्णुगुप्त
*14)* पाटलिपुत्र में चंद्रगुप्त मौर्य का महल किसका बना था ~ लकड़ी का
*15)* बुलंदीबाग (जहाँ चंद्रगुप्त मौर्य के लकड़ी के बने विशाल भवनों के अवशेष मिले हैं ) कहाँ है ~ पाटलिपुत्र में
*16)* वह ग्रंथ जिसमें चंद्रगुप्त मौर्य का विशिष्ट वर्णन है ~ विशाखदत्त
*17)* चंद्रगुप्त मौर्य के यूनानी नाम ~
• सेन्ड्रोकोटस ~ स्ट्रैबो, एरियन, जस्टिन द्वारा
• एन्ड्रोकोटस ~ एपियन, प्लूटार्क द्वारा
• सेन्ड्रोकोप्टस ~ फिलार्कस
*18)* वह इतिहासकार जिसने सेन्ड्रोकोटस की पहचान चंद्रगुप्त मौर्य से की ~ विलियम जोंस
*19)* चंद्रगुप्त मौर्य के राज्यरोहण की तिथि ~ 322 ईसा पूर्व (widely accepted)
*20)* चंद्रगुप्त मौर्य ने कब से कब तक राज्य किया ~ 322 -298 ईसा पूर्व : 24 वर्ष (widely accepted)
*21)* वे ग्रंथ जिनमें चंद्रगुप्त मौर्य को खत्तिय (क्षत्रिय) कुल का बताया गया है ~ बौद्ध एवं जैन ग्रंथ
*22)* किस यूनानी इतिहासकार ने चंद्रगुप्त मौर्य और सिकन्दर की भेंट का उल्लेख किया है ~ जस्टिन
*23)* जब चाणक्य से चंद्रगुप्त मौर्य की पहली बार मुलाकात हुई, उस समय चंद्रगुप्त मौर्य किस खेल में व्यस्त था ~ राजकीलम नामक खेल
*24)* चंद्रगुप्त मौर्य ने 305 ईसा पूर्व में किसे हराया ~ सेल्यूकस निकेटर
*25)* वह राजदूत जिसे सेल्यूकस ने चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में भेजा था ~ मेगस्थनीज
*26)* गिरनार में सुदर्शन झील का निर्माण किस शासक ने करवाया ~ चंद्रगुप्त मौर्य
*27)* चंद्रगुप्त मौर्य किस धर्म के अनुयायी थे ~ जैन धर्म
*28)* वह जैन साधु जिसके शिष्य चंद्रगुप्त मौर्य थे ~ भद्रबाहु
*29)* अर्थशास्त्र पुस्तक की रचना ~ चाणक्य
*30)* किस अभिलेख से चंद्रगुप्त मौर्य के सौराष्ट्र विजय की पुष्टि होती है ~ रूद्रदामन के जूनागढ़ अभिलेख से
*31)* वह विद्वान जिनके अनुसार चंद्रगुप्त मौर्य के समय भारत की वैज्ञानिक सीमा हिंदूकुश पर्वत तक था ~ स्मिथ
*32)* वह विद्वान जिसके अनुसार भारतीय समाज सात वर्गों में विभाजित था ~ मेगस्थनीज
*33)* मौर्य काल में स्वर्ण सिक्के कहलाते थे ~ निष्क /सुवर्ण
*34)* विधवा पुनर्विवाह का प्रचलन था ~ मौर्यकालीन समाज में
*35)* वह समाज जिसमें अन्तर्जातीय विवाह की प्रथा प्रचलित थी ~ मौर्य समाज
*36)* वह क्षेत्र जिसमें सर्वप्रथम मौर्यकालीन पत्थर का प्रयोग किया गया ~ कला क्षेत्र
*37)* मौर्ययुगीन वह कला जो चरमोत्कर्ष पर था ~ काष्ठकला
*38)* कौटिल्य का अर्थशास्त्र है, एक ~ मौर्य कालीन सत्ता के सिद्धांतों की पुस्तक
*39)* किस मौर्य राजा ने दक्कन की विजय की थी ~ चंद्रगुप्त मौर्य
*40)* मालवा, गुजरात व महाराष्ट्र को किस शासक ने पहली बार जीता ~ चंद्रगुप्त मौर्य
*41)* वह अभिलेख जिससे यह प्रमाणित होता है कि चंद्रगुप्त मौर्य का प्रभाव पश्चिम भारत पर भी था ~ रूद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख
*42)* चंद्रगुप्त मौर्य ने अपना अंतिम समय कहाँ पर बिताया ~ श्रवणबेलगोला, कर्नाटक में चंद्रगिरि पर्वत पर "चंद्रगुप्त बस्ती" बसाया
*43)* मौर्य काल में शिक्षा का सर्वाधिक प्रसिध्द केन्द्र था ~ तक्षशिला
*44)* चंद्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश के किस राजा को हराया ~ धनानंद
*45)* मेगस्थनीज द्वारा लिखी पुस्तक ~ इंडिका
*46)* चंद्रगुप्त मौर्य और सेल्यूकस के बीच हुए युद्ध का वर्णन किसने किया है ~ एप्पियानस
*47)* यूनानी विद्वान प्लूटार्क के अनुसार चंद्रगुप्त मौर्य के सेना में कितने सैनिक थे ~ 6 लाख सैनिक
*48)* चंद्रगुप्त मौर्य की मृत्यु के समय उसका अधिकार था ~ पश्चिम में हिंदूकुश पर्वत से पूरब में बंगाल की खाड़ी तक तथा उत्तर में हिमालय की श्रृंखलाओं से दक्षिण में मैसूर तक
*49)* महावंश टीका में चंद्रगुप्त मौर्य को सकल जम्बूद्वीप का शासक कहा गया है |
*50)* यूनानी विद्वान जस्टिन चंद्रगुप्त मौर्य को "सम्पूर्ण भारत" का नरेश बताता है |
*51)* 305 ईसा पूर्व में चंद्रगुप्त मौर्य और सेल्यूकस के मध्य युद्ध हुआ जिसमें सेल्यूकस पराजित हुआ और दोनों के मध्य संधि हुई :
संधि की शर्तें ~
• चंद्रगुप्त मौर्य ने सेल्यूकस को 500 हाथी प्रदान किये |
• सेल्यूकस ने अपनी पुत्री कार्नेलिया / हेलेना का विवाह चंद्रगुप्त मौर्य से किया |
• सेल्यूकस ने अपने 4 राज्य चंद्रगुप्त मौर्य को दिये ~ आर्कोशिया (कांधार), परोपनिषदी (काबुल), एरिया (हेरात), जेड्रोशिया (बलूचिस्तान)
• सेल्यूकस ने मेगस्थनीज नामक एक राजदूत चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में भेजा, वह बहुत दिनों तक पाटलिपुत्र में रहा और इंडिका की रचना की |
*52)* चंद्रगुप्त मौर्य का उत्तराधिकारी कौन हुआ ~ सम्राट बिंदुसार मौर्य
*53)* "ग्रांड ट्रंक रोड" किस काल में बना था ~ मौर्य काल
*54)* वर्तमान नगरपालिका प्रशासन का कौन सा कार्य मौर्यकाल से जारी है ~ जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण
*55)* मौर्य युग में नगरों का प्रशासन नगरपालिकाओं द्वारा चलाया जाता था, जो वर्तमान भारत में भी लागू है |
*56)* मौर्य साम्राज्य के दस सम्राटों के नाम —
• सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य
• सम्राट बिंदुसार मौर्य
• सम्राट अशोक महान
• सम्राट कुणाल मौर्य
• सम्राट दशरथ मौर्य
• सम्राट सम्प्रति मौर्य
• सम्राट शालिशूक मौर्य
• सम्राट देव वर्मन मौर्य
• सम्राट शतधन्वन मौर्य
• सम्राट बृहद्रथ मौर्य
*57)* सम्राट चन्द्रगुप्त के पिता का नाम —चन्द्रवर्द्धन
*58)* "मोरिय" शब्द, जिससे "मौर्य" शब्द की उत्पत्ति हुई है, किस भाषा का शब्द है —पाली भाषा -धम्म लिपि
*59)* भारत में सर्वप्रथम शिलालेखों का प्रचलन किस काल से हुआ —मौर्य काल
*60)* सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के पौत्र का नाम जिसने "धम्म विजय" के माध्यम से 'विश्व विजय' किया —सम्राट अशोक महान
*61)* अखण्ड भारत के निर्माता : Symbol of Undivided India किस शासक को कहा जाता है —सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य
*62)* वह काल व शासक जिस समय भारत को "सोने की चिड़िया" कहा जाता था —मौर्य काल (सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य)
••• Important for IAS Aspirants •••
*जो इतिहास बनाना चाहते हैं उन्हें अपने समाज के इतिहास को वास्तविक रूप में जानना आवश्यक है | .....✍🏻*
..... रावण सिंह शाक्य ✍🏻
*सम्राट अशोक बौद्ध महासंघ (SABM)*
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☸ जय भारत ||| 563 ||| नमो बुद्धाय ☸
*भवतु सब्ब मंगलं*
बंगाल का पाल राजवंश -एक बौद्ध राजवंश : ऐतिहासिक सिंहावलोकन @ चित्रप्रभा त्रिसरण
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सभी पाल नरेश बौद्ध मतानुयायी थे. पाल के वंश के संस्थापक गोपाल ने नालन्दा में एक बुद्ध विहार का निर्माण करवाया था.
धर्मपाल —गोपाल के पुत्र धर्मपाल एक उत्साही बौद्ध थे. उनके लेखों में उन्हें "परमसौगत" कहा गया है. उसने विक्रमशिला तथा सोमपुरी (पहाड़पुर) में प्रसिद्ध बुद्ध विहारों की स्थापना की. उसकी राजसभा में प्रसिद्ध बौद्ध लेखक हरिभद्र निवास करते थे. तारानाथ के अनुसार उसने 50 धार्मिक विद्यालयों की स्थापना करवायी थी.
देवपाल —अपने पिता की भांति देवपाल भी बौद्ध मतानुयायी थे. तारानाथ उसे बुद्ध धर्म की पुनः स्थापना करने वाले कहते हैं. उसने बुद्ध विहारों के निर्माण में योगदान दिया. उसने ओदन्तपुरी (बिहार) के प्रसिद्घ बौद्ध मठ का निर्माण करवाया था. उसके सीमावर्ती क्षेत्र से उसके समय के अनेक लेख प्राप्त होते हैं जो उसके नैष्ठिक बौद्ध होने का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं.
महीपाल —जब पाल साम्राज्य लगभग समाप्त -प्राय होने वाला था कि इस वंश की गद्दी पर महीपाल प्रथम जैसा एक शक्तिशाली शासक आसीन हुआ. महीपाल ने 1034 ई. तक शासन किया. उसने अनेक मठ तथा बुद्ध विहार बनवाये थे. उसके शासनकाल में बौद्ध धर्म को पुनः प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त हो गया.
पाल नरेश बौद्ध मतानुयायी थे तथा उन लोगों ने "बुद्ध धर्म को राजकीय प्रश्रय" दिया जबकि उसका भारत से पतन हो रहा था. उन्होंने बिहार व बंगाल में अनेक चैत्य, बुद्ध विहार एवं प्रतिमाएँ बनवायी. विक्रमशिला बौद्ध विश्वविद्यालय एक ख्याति प्राप्त अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय बन गया. इसकी स्थापना धर्मपाल ने की थी. यहाँ अनेक बुद्ध मन्दिर तथा विहार थे. 12 वीं शताब्दी में यहाँ लगभग 3 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते थे.
उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट पता चलता है कि पाल नरेश बुद्ध मतानुयायी थे. उन्होंने बुद्ध धर्म को राजकीय प्रश्रय दिया था. बौद्ध विहारों, प्रतिमाओं का प्रचुरता से निर्माण करवाया था और बौद्ध विश्वविद्यालयों का निर्माण व उन्हें सुचारु रूप से संचालित करने हेतु धम्म दान देते रहते थे.
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा @ स्वतंत्रता दिवस की मंगलकामनाएँ
*सत्यमेव जयते*
☸☸
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा |
झण्डा ऊँचा रहे हमारा ||
☸
सदा शक्ति बरसाने वाला |
वीरों को हर्षाने वाला ||
प्रेम सुधा सरसाने वाला |
मातृभूमि का तन मन सारा ||
झण्डा ऊँचा रहे हमारा .....
☸
आओ प्यारे वीरों आओ |
देश -धरम पर बलि-बलि जाओ ||
एक साथ सब मिल कर गाओ |
प्यारा भारत देश हमारा ||
झण्डा ऊँचा रहे हमारा .....
☸
स्वतंत्रता के भीषण रण में |
रखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में ||
काँपें शत्रु देखकर मन में |
मिट जाये भय संकट सारा ||
झण्डा ऊँचा रहे हमारा .....
☸
इस झँडे के नीचे निर्भय |
होवे महा शक्ति का संचय ||
बोलो भारतवर्ष की जय |
स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा ||
झण्डा ऊँचा रहे हमारा .....
☸
इसकी शान न जाने पाए |
चाहे जान भले ही जाए ||
विश्व विजय कर के दिखलाए |
तब होए प्रण पूर्ण हमारा ||
झण्डा ऊँचा रहे हमारा .....
☸
*धम्मचक्र, शेर, मोर भारत की शान बढ़ाता है |*
*पंचशील से बना तिरंगा भारत में लहराता है ||*
*भारत की शान कभी डूबने न देंगे ||*
☸☸
*SABM -INDIA*
*सम्राट अशोक बौद्ध महासंघ*
☸☸
*HAPPY INDEPENDENCE DAY*
Saturday, July 15, 2017
सम्राट अशोक के परिप्रेक्ष्य में युद्ध नहीं, बुद्ध चाहिए @ चित्रप्रभा त्रिसरण
👆 "युद्ध नहीं -बुद्ध चाहिए" — शेयर करें
सम्राट अशोक द्वारा सबसे बड़े युद्ध की तैयारी थी •••••••••••••••SABM•••••••••••••••••••••
||| 563 ||| Namo Buddhaya |||
👆 सम्राट अशोक महान द्वारा "युद्ध नहीं -बुद्ध चाहिए" पथ पर चलना सबसे बड़े युद्ध की तैयारी थी |
लेकिन क्या किया जाय, आज के लोग समझे नहीं, जो समझे वो लोगों को सच्चाई नहीं बताये, गलत इतिहास लिखकर लोगों को गुमराह किये और आज भी कर रहे हैं |
👆 ऐतिहासिक तथ्य यह है कि राजा बिम्बिसार के कुछ एक सैनिकों को बुद्ध के शिष्यों ने उपसम्पदा देकर भिक्षु संघ में सम्मिलित कर लिया था | जब बिम्बिसार ने बुद्ध के सामने यह शिकायत रखी तब बुद्ध ने कठोर नियम बनाया कि सेना के किसी भी व्यक्ति को भिक्षु न बनाया जाय | जो बनाये, वह दुष्कर्म करने का दोषी होगा | तब से लेकर आज तक लगभग 2600 वर्ष बीत जाने पर भी भिक्षु संघ इस नियम का कड़ाई से पालन करता चला आ रहा है | आज भी बरमा में या अन्य बुद्धनुयायी देशों में सेना के किसी सैनिक या सेनानायक को भिक्षु नही बनाया जाता |
👆 "भगवान बुद्ध के अनुसार धार्मिक से धार्मिक राजा के हाथ में भी तलवार होना अत्यंत आवश्यक है | भगवान के अनुसार जो "पाँच राजचिह्न" किसी भी राजा के साथ सदैव रहते हैं, उनमें तलवार भी एक है | राजधर्म निभाने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है |"
_____________ स्रोत : जातक 5. 19. 69, सक्ङिच्च जातक
👆 यह तलवार किसी राज्य को अपनी स्वार्थ के लिए जीतने या किसी निरपराध की हत्या करने के लिए नहीं है, बल्कि किसी आतयायी के आक्रमण से प्रजा को बचाने के लिए है | सेना नही होगी और शस्त्र नहीं होगे, तो देश की बाहरी और भीतरी सुरक्षा कैसे होगी ?
👆 यही धम्म तलवार सम्राट अशोक महान के पास थी, जिसके माध्यम से उन्होंने विश्व विजय किया और विश्व इतिहास में चक्रवर्ती सम्राट, महान और विश्वविजेता कहे गये | धम्म तलवार की उपस्थिति में कोई भी आक्रमणकारी एक इंच भूमि नहीं ले सका और न हीं चक्रवर्ती अशोक के जम्बूद्वीप पर आँख उठाकर देखने की हिम्मत हुई |
👆 "युद्ध नहीं बुद्ध चाहिए" के पथ पर चलते हुए...
आओ हम भी चलें "विश्वपटल" की ओर...
@ C. P Trisaran
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Monday, June 12, 2017
इतिहास के झरोखे से : शाक्य वंश —शेयर करें...
इतिहास के झरोखे से : विश्वगुरु भगवान बुद्ध का शाक्य वंश -वृक्ष... ✍🏻
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विश्वगुरू भगवान बुद्ध का शाक्य वंश (गोत्र, असली शब्द - गोत) : वृक्ष, आधुनिक भारत की अनेक जातियों का समुच्चय था ।
1) बुद्ध का जन्म किस कुल में हुआ था ? वहीं शाक्य वंश में ।
👆 शाक्य कौन हैं ? वहीं शाक्य, सागबेरिया, सागबरिया आदि ।
2) बुद्ध का ससुराल कहाँ था ? वहीं कोलिय वंश में ।
👆 कोलिय कौन हैं ? वहीं कोल, कोली, कील, कोरी, कुरी, कीर, कोइरी , किरार, कुर्मी आदि ।
3) बुद्ध की पत्नी कौन थी ? वहीं गोपा ।
👆 गोपा कौन है ? वहीं गोप, गोआर, ग्वाल, गड़ेरी आदि ।
4) बुद्ध की पत्नी का दूसरा नाम क्या था ? वहीं भद्र कच्छा।
👆 कच्छा कौन हैं ? वहीं काछी , कछवाहा, कछवी, काची, कचिया आदि ।
5) बुद्ध की मौसी कौन थी ? वहीं प्रजापति ।
👆 प्रजापति कौन हैं ? वहीं सोनार , लोहार , कुम्हार, बढ़ई आदि ।
6) बुद्ध को खीर किसने खिलाई ? वहीं सुजाता ।
👆 सुजाता कौन थी ? वहीं सैनी, सेनी, सेना आदि ।
7) बुद्ध की शव -धातु पर वंश को लेकर किसने अधिकार जताया । वहीं मल्ल, मोरिय आदि ।
👆 ये मल्ल -मोरिय कौन हैं ? वहीं मल्लाह, मोरी, मोरे, मरार, मुराव, मुराई, मौर्य आदि ।
Via Dr. Rajendra Prasad Singh
||| 563 ||| नमो बुद्धाय |||
चलो बुद्ध धम्म की ओर..
चलो संविधान की ओर...
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Saturday, June 10, 2017
विश्वगुरु भगवान बुद्ध के 5 सिद्धांत पंचशील (Buddha 5 principles of Panchshila) : Read & Share
विश्वगुरू भगवान बुद्ध के 5 सिद्धांत : पंचशील
(Buddha's Five principles of Panchshila)
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पालि भाषा (Pali Language) —
1) पाणातिपाता वेरमणी सिक्खापदं समादियामि |
2) अदिन्नादाना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि |
3) कामेसु मिच्छाचारा वेरमणी सिक्खापदं समादियामि |
4) मूसावादा वेरमणी सिक्खापदं समादियामि |
5) सुरा -मेरय -मज्ज -पमादट्ठाना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि |
हिंदी अर्थ —
1) मैं अकारण प्राणी -हिंसा से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ |
2) मैं चोरी से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ |
3) मैं लैंगिक दुराचार या व्यभिचार से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ |
4) मैं असत्य बोलने से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ |
5) मैं सुरा (कच्ची शराब), मद्य और नशीली चीजों के सेवन से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ |
English Language —
1) No unprovoked killing (Respect for life)
2) No stealing (Respect for others' property)
3) No sexual misconduct (Respect for our pure nature)
4) No lying (Respect for honesty)
5) No intoxicants (Respect for a clear mind)
*नमो बुद्धाय*
*चलो बुद्ध धम्म की ओर*
*रावण सिंह शाक्य*
*SABM -INDIA*