Sunday, November 13, 2016

कार्तिक पूर्णिमा का बुद्ध धम्म में महत्व —कार्तिक पूर्णिमा :14 नवम्बर __ शेयर करें__

*कार्तिक पूर्णिमा —14 नवम्बर*
*कार्तिक पूर्णिमा का बुद्ध धम्म में महत्व*
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1) विश्वगुरू तथागत बुद्ध द्वारा प्रथम 60 अर्हत भिक्खुओं को लोक कल्याण हेतु चारों दिशाओं में जाकर धम्म प्रचार -प्रसार का आदेश |
2) तथागत बुद्ध द्वारा कश्यप बन्धुओं को धम्मदीक्षा |
3) धम्म सेनापति सारिपुत्त की धम्मदीक्षा |
4) सारिपुत्त के तीन भाई सुंद, उपसेन व रेवत और तीन बहनें चाला, उपचाला व शिशुपाला की धम्मदीक्षा |
5) भिक्खु संघ का वार्षावास पूर्णरूपेण समाप्त |
6) भिक्खु सारिपुत्त का नालाग्राम में परिनिर्वाण (484 ईसा पूर्व) |
7) भिक्खु उरूवेला कश्यप का परिनिर्वाण |
*बुद्ध धम्म में पूर्णिमाओं का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि हर पूर्णिमा को विश्वगुरू तथागत बुद्ध से संबंधित घटनाएँ जुड़ी हुई है | भरहुत, अमरावती और कई जगहों पर पाये गये शिल्पों में दर्शाया गया है कि उपासक स्त्री -पुरूष बुद्ध प्रतीकों का चुम्बन कर रहे हैं | इन्हीं प्रतीकों में से चैत्य को ही बुद्ध का रूप कहा गया है | चैत्यों में बुद्ध अवशेष होने पर उसे स्तूप कहा जाता है | इसलिए हर पूर्णिमा को बौद्ध उपासक व उपासिकाओं को अच्छे वस्त्र पहनकर परिवार के सभी लोगों के साथ अपने नजदीक के चैत्यों, स्तूपों, बुद्ध विहारों पर धम्म वन्दना के लिए जाना चाहिए |  उसका प्रेम पूर्वक वंदन करना, आदर्श पूर्वक हृदय से स्पर्श करना बौद्धों का परम कर्तव्य है |
*नोट —जिसके घर के नजदीक कोई चैत्य, स्तूप, बुद्ध विहार न मौजूद हो उसे अपने घर को ही बुद्धमय बनाकर धम्म वन्दना करना चाहिए |*
*सभी देशवासियों को कार्तिक पूर्णिमा की हार्दिक बधाईयाँ, धम्मकामनाएँ, मंगलकामनाएँ व नमो बुद्धाय...*
                  *||| नमो बुद्धाय |||*       
             *चलो बुद्ध धम्म की ओर*
              *चलो संविधान की ओर*
           
              *(SABM -INDIA)*

Thursday, November 3, 2016

पर्यावरण के प्रति गंभीर थे —बौद्ध शासक सम्राट अशोक महान___पढ़े व शेयर करें...

*पर्यावरण के प्रति गंभीर थे —बौद्ध शासक सम्राट अशोक महान___शेयर करे*
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*संसार में पर्यावरण संरक्षण का कार्य सर्वप्रथम ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक ने किया था। प्रकृति की महत्ता को स्वीकारते हुए वन्य जीव जन्तुओं के शिकार पर प्रतिबन्ध लगाया जो आज भी अशोक के शिलालेखों में अंकित है।*
*1) सम्राट अशोक ने अपने शासनकाल में हर 8 किमी पर तालाब खुदवाए व आश्रम स्थल बनावाए, हर रास्ते पर पौधारोपण कराया जो पर्यावरण व लोगों के हित के लिए किया गया कार्य था |*
*2) शिकार प्रथा और लोगों द्वारा अकारण जीवों की हत्या पर शासनादेश पारित कर प्रतिबन्ध लगा दिया | जिससे पेड़ पौधों और जीव जन्तुओं के बीच संतुलन बना रहे |*
*3) उन्होंने जगह -जगह पशुओं के लिए भी हॉस्पिटल खोलवाए |*
*4) पर्यावरण के प्रति गंभीर सम्राट अशोक महान ने 232 ईसा पूर्व में अपने पंचम शिलालेख में राज्यादेश पारित कर "गांगेय डॉल्फिन" के संरक्षण से जीवनदायिनी गंगा को बचाने का प्रथम सार्थक प्रयास किया था | पूरी दुनिया में यह पहला ऐतिहासिक राज्यादेश माना जाता है जिसकी पुष्टि भारत सरकार के दस्तावेज में भी हो चुकी है |* 
 
*इन सब बातों से प्रेरित होकर अनेक  पर्यावरणविद् जैसे सुन्दरलाल बहुगुणा ने अक्सर सम्राट अशोक का उदहारण दिया है पर्यावरण की रक्षा हेतु | वंदना शिवा, जिन्होनें प्राचीन भारतीय जड़ी बूटियों का पश्चिम जगत द्वारा पेटेंट के विरुद्ध लडाइयां लड़ी हैं, उन्होंने अशोक के इसी सिद्धांत "सभी जड़ी बूटियाँ एवं चिकित्सीय पौधों का उपयोग समस्त मानव जाति के लिए मुफ्त में होना चाहिए” को आधार बनाया |*
*सभी लोगों को आज के आधुनिक युग में भी पर्यावरण के संरक्षण व पशु -पक्षियों के अकारण वध न करने के लिए दृढ़ संकल्पित होने की जरूरत है | जिससे पेड़ पौधों और पशु पक्षियों के बीच संतुलन बना रहे | जिससे आने वाली पीढ़ियों को प्राकृतिक संसाधनों की कमी न हो |*
                  *||| नमो बुद्धाय |||*       
             *चलो बुद्ध धम्म की ओर*
              *चलो संविधान की ओर*
           
     *(SABM -INDIA)* 

Tuesday, November 1, 2016

विश्वगुरू तथागत बुद्ध —दुनिया के एक रहस्य

विश्वगुरु तथागत बुद्ध —दुनिया के एक रहस्य
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*भगवान बुद्ध दुनिया के एक रहस्य हैं | बुद्ध के बारे में कुछ भी कहना सूरज को दीया दिखाने जैसा है, उनके व्यक्तित्व व सिद्धांत के आगे कोई नहीं टीक सकता | उन्हें विश्व का ज्योतिपुंज (Light of World) भी कहा जाय तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी | भगवान तो बहुतों को कहा गया, लेकिन बुद्ध ने चेतना के जिस शिखर को छुआ है वैसा किसी और ने नहीं | बुद्ध का पूरा जीवन सत्य की खोज और लोगों के कल्याण करने में ही लग गया | उन्होंने मानव मनोविज्ञान और दु़:ख के हर पहलू पर कहा और सबके समाधान बताये | यह रिकॉर्ड है कि बुद्ध ने जितना कहा और जितना समझाया, उतना किसी और ने नहीं | धरती पर अभी तक ऐसा कोई नहीं हुआ जिसे बुद्ध के बराबर कहा गया |*
बुद्ध की सबसे बड़ी क्रांति यह थी कि उन्होंने ईश्वर, आत्मा, परमात्मा, अंधविश्वास, कर्मकांड इन सबको परे कर मनोवैज्ञानिक तथ्यों को प्रस्तुत किया | उन्होंने स्वयं के ईश्वर होने, किसी ईश्वर का अवतार होने से साफ इनकार किया है | इसी विशेषताओं के कारण उनके धम्म की प्रासंगिकता पूरे विश्व में है | दुनिया का कोई हिस्सा नहीं बचा था जहाँ बौद्ध भिक्षुओं के कदम न पड़े हो | दुनिया के हर इलाके में बुद्ध की प्रतिमाएँ निकलती है | दुनिया की सर्वाधिक प्रतिमाओं का रिकॉर्ड भगवान बुद्ध के नाम दर्ज है |*
                     *||| नमो बुद्धाय |||*       
                    *चलो बुद्ध धम्म की ओर*
                     *चलो संविधान की ओर*
           
                  *(SABM -INDIA)* 