*पर्यावरण के प्रति गंभीर थे —बौद्ध शासक सम्राट अशोक महान___शेयर करे*
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*संसार में पर्यावरण संरक्षण का कार्य सर्वप्रथम ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक ने किया था। प्रकृति की महत्ता को स्वीकारते हुए वन्य जीव जन्तुओं के शिकार पर प्रतिबन्ध लगाया जो आज भी अशोक के शिलालेखों में अंकित है।*
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*संसार में पर्यावरण संरक्षण का कार्य सर्वप्रथम ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक ने किया था। प्रकृति की महत्ता को स्वीकारते हुए वन्य जीव जन्तुओं के शिकार पर प्रतिबन्ध लगाया जो आज भी अशोक के शिलालेखों में अंकित है।*
*1) सम्राट अशोक ने अपने शासनकाल में हर 8 किमी पर तालाब खुदवाए व आश्रम स्थल बनावाए, हर रास्ते पर पौधारोपण कराया जो पर्यावरण व लोगों के हित के लिए किया गया कार्य था |*
*2) शिकार प्रथा और लोगों द्वारा अकारण जीवों की हत्या पर शासनादेश पारित कर प्रतिबन्ध लगा दिया | जिससे पेड़ पौधों और जीव जन्तुओं के बीच संतुलन बना रहे |*
*3) उन्होंने जगह -जगह पशुओं के लिए भी हॉस्पिटल खोलवाए |*
*4) पर्यावरण के प्रति गंभीर सम्राट अशोक महान ने 232 ईसा पूर्व में अपने पंचम शिलालेख में राज्यादेश पारित कर "गांगेय डॉल्फिन" के संरक्षण से जीवनदायिनी गंगा को बचाने का प्रथम सार्थक प्रयास किया था | पूरी दुनिया में यह पहला ऐतिहासिक राज्यादेश माना जाता है जिसकी पुष्टि भारत सरकार के दस्तावेज में भी हो चुकी है |*
*इन सब बातों से प्रेरित होकर अनेक पर्यावरणविद् जैसे सुन्दरलाल बहुगुणा ने अक्सर सम्राट अशोक का उदहारण दिया है पर्यावरण की रक्षा हेतु | वंदना शिवा, जिन्होनें प्राचीन भारतीय जड़ी बूटियों का पश्चिम जगत द्वारा पेटेंट के विरुद्ध लडाइयां लड़ी हैं, उन्होंने अशोक के इसी सिद्धांत "सभी जड़ी बूटियाँ एवं चिकित्सीय पौधों का उपयोग समस्त मानव जाति के लिए मुफ्त में होना चाहिए” को आधार बनाया |*
*इन सब बातों से प्रेरित होकर अनेक पर्यावरणविद् जैसे सुन्दरलाल बहुगुणा ने अक्सर सम्राट अशोक का उदहारण दिया है पर्यावरण की रक्षा हेतु | वंदना शिवा, जिन्होनें प्राचीन भारतीय जड़ी बूटियों का पश्चिम जगत द्वारा पेटेंट के विरुद्ध लडाइयां लड़ी हैं, उन्होंने अशोक के इसी सिद्धांत "सभी जड़ी बूटियाँ एवं चिकित्सीय पौधों का उपयोग समस्त मानव जाति के लिए मुफ्त में होना चाहिए” को आधार बनाया |*
*सभी लोगों को आज के आधुनिक युग में भी पर्यावरण के संरक्षण व पशु -पक्षियों के अकारण वध न करने के लिए दृढ़ संकल्पित होने की जरूरत है | जिससे पेड़ पौधों और पशु पक्षियों के बीच संतुलन बना रहे | जिससे आने वाली पीढ़ियों को प्राकृतिक संसाधनों की कमी न हो |*
*||| नमो बुद्धाय |||*
*चलो बुद्ध धम्म की ओर*
*चलो संविधान की ओर*
*(SABM -INDIA)*
*चलो बुद्ध धम्म की ओर*
*चलो संविधान की ओर*
*(SABM -INDIA)*
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